ये जो हा सिल हमें हर शय की फ़रावानी है ये भी तो अपनी जगह एक परेशानी है ज़िंदगी का ही नहीं ठोर-ठिकाना मालूम मौत तो तय है…
सदियाँ जिन में ज़िंदा हों वो सच भी मरने लगते हैं धूप आँखों तक आ जाए तो ख़्वाब बिखरने लगते हैं इंसानों के रूप में जिस दम…
जैसे मैं देखता हूँ लोग नहीं देखते हैं ज़ुल्म होता है कहीं और कहीं देखते हैं तीर आया था जिधर ये मिरे शहर के लोग कितने सा…
थे ख़्वाब एक हमारे भी और तुम्हारे भी पर अपना खेल दिखाते रहे सितारे भी ये ज़िंदगी है यहाँ इस तरह ही होता है सभी ने बोझ स…
अपने घर की खिड़की से मैं आसमान को देखूँगा जिस पर तेरा नाम लिखा है उस तारे को ढूँडूँगा तुम भी हर शब दिया जला कर पलकों की…
दूरियाँ सिमटने में देर कुछ तो लगती है रंजिशों के मिटने में देर कुछ तो लगती है हिज्र के दोराहे पर एक पल न ठहरा वो रास्ते…
ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया तिरे असीर किसी…
चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन राज़ों की तरह उतरो मिरे दिल में किसी शब दस्…
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा वो तिरे नसीब की बारि…
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