ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते by अमजद इस्लाम अमजद | Free Hindi Gazals and Hindi Songs Lyrics | Lyrics World by Sandeep Kr Singh



ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते
जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते


हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया
तिरे असीर किसी के हुआ नहीं करते


ये आइनों की तरह देख-भाल चाहते हैं
कि दिल भी टूटें तो फिर से जुड़ा नहीं करते


वफ़ा की आँच सुख़न का तपाक दो इन को
दिलों के चाक रफ़ू से सिला नहीं करते


जहाँ हो प्यार ग़लत-फ़हमियाँ भी होती हैं
सो बात बात पे यूँ दिल बुरा नहीं करते


हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी
मुकालमे का अगर सिलसिला नहीं करते


जो हम पे गुज़री है जानाँ वो तुम पे भी गुज़रे
जो दिल भी चाहे तो ऐसी दुआ नहीं करते


हर इक दुआ के मुक़द्दर में कब हुज़ूरी है
तमाम ग़ुंचे तो 'अमजद' खिला नहीं करते

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