ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में | Written by : Gulzar | Singer : Gulam Ali | Free Gazal Lyrics By Gulzar | Gulam Ali Best Gazals | Lyrics by Lyrics World

 


ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में


शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में


रात गुज़रते शायद थोड़ा वक़्त लगे
धूप उन्डेलो थोड़ी सी पैमाने में


जाने किस का ज़िक्र है इस अफ़्साने में
दर्द मज़े लेता है जो दोहराने में


दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में


हम इस मोड़ से उठ कर अगले मोड़ चले
उन को शायद उम्र लगेगी आने में

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Birth name Ghulam Ali 
Born 1940 Origin Pakistan Kaleke, 
Sialkot, Punjab, Pakistan Genre(s) 
Ghazal Occupation(s) Ghazal Singer


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