Rang Baatein Karein • Abida Parveen (1983) | रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए by ज़िया जालंधरी | gazal Lyrics By Lyrics World | Sandeep Kr Singh

 


रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए

दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए


भीग जाती हैं इस उम्मीद पे आँखें हर शाम

शायद इस रात वो महताब लब-ए-जू आए


हम तिरी याद से कतरा के गुज़र जाते मगर

राह में फूलों के लब सायों के गेसू आए


वही लब-तिश्नगी अपनी वही तर्ग़ीब-ए-सराब

दश्त-ए-मालूम की हम आख़िरी हद छू आए


मस्लहत-कोशी-ए-अहबाब से दम घुटता है

किसी जानिब से कोई नारा-ए-याहू आए


सीने वीरान हुए अंजुमन आबाद रही

कितने गुल-चेहरा गए कितने परी-रू आए


आज़माइश की घड़ी से गुज़र आए तो 'ज़िया'

जश्न-ए-ग़म जारी हुआ आँखों में आँसू आए


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