सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जायेगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जायेगा
मैं खुदा का नाम लेके पी रहा हूँ दोस्तों
ज़हर भी इसमे अगर होगा दवा हो जायेगा
रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर
क्या ख़बर थी मुझसे वो इतना खफा हो जायेगा
0 टिप्पणियाँ
Thanks For commenting