ये है आब-ए-रवाँ न ठहरेगा
उम्र का कारवाँ न ठहरेगा
छोड़ दी है जगह सुतूनों ने
सर पे अब साएबाँ न ठहरेगा
रेत पर है असर हवाओं का
कोई नाम-ओ-निशाँ न ठहरेगा
हर क़दम जो तुम्हारी सम्त उठा
सई-ए-राएगाँ न ठहरेगा
मरहला आ गया तसादुम का
फ़ासला दरमियाँ न ठहरेगा
दिल का सौदा है कार-ए-दिल-दाराँ
फ़र्क़-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ न ठहरेगा
क्यों सुनाते हो सब को हाल अपना
हर कोई राज़दाँ न ठहरेगा
छोड़ देगी ज़मीन मेहवर को
मुस्तक़िल आसमाँ न ठहरेगा
अपनी आँखों में आज उसे भर लो
देर तक ये समाँ न ठहरेगा
जुज़ तेरी महफ़िलों के और कहीं
'आबिद'-ए-ना-तवाँ ठहरे ठहरेगा
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