जीना कब तक मुहाल होगा - ए जी जोश | Gazal and Shyari Hindi Lyrics by Lyrics World

 

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जीना कब तक मुहाल होगा

आख़िर इक दिन विसाल होगा


गर न टूटे ये शीशा-ए-दिल
तेरा हुस्न कमाल होगा


तुम तो तड़पा के जा रहे हो
दिल ये कैसे बहाल होगा


छूने वाला तिरी जबीं को
मेरा दस्त-ए-ख़याल होगा


तेरे लब पे रहे ख़मोशी
मेरे लब पे सवाल होगा


उस की निभती भी है किसी से
'जोश' क्या तेरा हाल होगा
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