इस तरह तो लग रहा है चाँद भी ख़तरे में है by आमिर अता | Gazal and Shyari Lyrics | Lyrics World

 


इस तरह तो लग रहा है चाँद भी ख़तरे में है

उस से मिल कर मैं ने जाना रौशनी ख़तरे में है


उस की सूरत देख कर बोला सितारों से क़मर
यार लगता है कि अपनी नौकरी ख़तरे में है


उस के हाथों में छुरी को देख कर हैरान हूँ
उँगलियाँ ख़तरे में हैं या फिर छुरी ख़तरे में है


क्या कहा तुम ने उसे देखा है अपने शहर में
यानी अब तो शहर का हर आदमी ख़तरे में है


कौन हीरा है यहाँ और कौन है हीरा-नुमा
फ़र्क़ इतना सा बता कर जौहरी ख़तरे में है


झील सी आँखों में उस की डूब सकती है कभी
रोक लो उस को कोई जा कर नदी ख़तरे में है


बे-सर-ओ-पा शे'र कह कर ख़ुश था मैं आमिर-'अता'
'मीर' जी सपने में बोले शायरी ख़तरे में है

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